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- श्रीराम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में 28 साल से पत्थर तराशने का काम चल रहा है
- सफाई में 3 महीने का समय लग सकता है, अब तक मंदिर के भूतल के पत्थर तराश लिए गए हैं
दैनिक भास्कर
Jun 26, 2020, 03:37 PM IST
अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में तराश कर रखे गए करीब 1 लाख घनफुट पत्थरों पर जमा काई की सफाई करके इसे चमकाने का काम अब तेज कर दिया गया है। यह काम दिल्ली की कंस्ट्रक्शन कंपनी केएलए करवा रही है। एक हफ्ते पहले इस काम को शुरू किया गया है। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक, काम जल्द पूरा करने के लिए लेबर क्षमता बढ़ा दी गई है। अब इसकी सफाई करने वाले कारीगरों की संख्या करीब 15 हो गई है। शुरुआत में 5 कारीगरों ने पत्थरों की सफाई का काम शुरू किया था। पत्थरों को चमकाने के लिए 23 तरह के केमिकल का उपयोग किया जा रहा है। इसमें करीब 3 महीने का समय लग सकता है।
मंदिर के भूतल के पत्थर तैयार हैं
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक कार्यशाला में 28 सालों से पत्थरों को तराशने का काम चल रहा है। इसमें 1 लाख घनफुट पत्थर तराशे गए हैं। ये पत्थर मंदिर के भूतल के हैं। अब तक मंदिर के भूतल, सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, कोली गर्भ गृह, स्तंभ बीम व छत के पत्थरों को तराशा जा चुका है। अब मंदिर के प्रथम तल के पत्थरों को भी तेजी से तराशने का काम होगा।
1992 में कार्याशाला की स्थापना हुई थी
श्रीराम जन्मभूमि न्यास की ओर से मंदिर निर्माण कार्यशाला की स्थापना साल 1992 में की गई थी। लंबे समय से रखे पत्थरों पर डस्ट जमने की वजह से इनको साफ करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय जेडिया ने बताया कि, पत्थरों की सफाई काम पहले तो पानी से किया जा रहा है। इसके बावजूद अगर डस्ट या काई साफ नहीं होता तो स्टेन, एल्बो सीमेंट, डस्ट रिमूवर और पेंट रिमूवर जैसे केमिकल इस्तेमाल होते हैं।
देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां मिली थीं
राम जन्मभूमि परिसर में 11 मई को जमीन समतल करने का काम शुरू किया गया था। इस दौरान यहां देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश और नक्काशीदार खंभों के अवशेष मिले थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया था कि ब्लैक टच स्टोन के सात खंभे, छह रेडसैंड स्टोन के खंभे, पांच फुट के नक्काशीनुमा शिवलिंग और मेहराब के पत्थर मिले हैं।
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