[ad_1]
- प्रधानमंत्री मोदी ने गोंडा, बहराइच, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, जालौन के लाभार्थियों से बात किया
- सबसे पहले गोंडा में स्वयं सहायता समूह चलाने वाली विनीता से बात की, अंत में संतकबीर नगर के अमरेंद्र के अनुभवों को जाना
दैनिक भास्कर
Jun 26, 2020, 05:42 PM IST
गोंडा/जालौन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘आत्मनिर्भर उत्तरप्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने गोंडा, बहराइच, गोरखपुर, संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर के छह लाभार्थियों से बात की। ये लाभार्थी प्रधानमंत्री से आत्मनिर्भर होकर मन की बात नहीं कर पाए। स्थानीय प्रशासन ने लाभार्थियों को एक हफ्ते से ट्रेनिंग दे रहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री से कैसे और क्या बात करनी है।पीएम के सवालाें का किस तरह और क्या जवाब देना है, इसकी भी ट्रेनिंग अफसरों ने एक हफ्ते तक दी। कुछ लाभार्थियों से पीएम से संवाद के लिए उनके गांव में ही इंतजाम किया गया था तो कुछ नेशनल इंफार्मेशन सेंटर के दफ्तर में बैठाए गए। इस कार्यक्रम के बाद लाभार्थी सुर्खियों में आ गए हैं।
19 जून को सीडीओ ने दी जानकारी; तब से कई बार मिली ट्रेनिंग
प्रधानमंत्री ने सबसे पहले गोंडा की विनीता से बात की थी। विनीता धनगर स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष हैं। खेतों में काम कर रही इन महिलाओं ने रोजगार की उम्मीद लेकर दो साल पहले इस समूह का गठन कर पौधों की नर्सरी की काम शुरू किया था। वर्तमान में मनरेगा को ये पौधे सप्लाई कर रही हैं। हर साल छह लाख रुपए से अधिक बचा लेती हैं। विनीता पाल ने बताया कि 19 जून को सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने बताया था कि 26 जून को प्रधानमंत्री बात करेंगे। बात कैसे करनी है? किस तरह सवालों के जवाब देने हैं? संस्था की सफलता की कहानी कैसे बतानी है? इसकी ट्रेनिंग दी गई थी। आज सुबह से ही हमें प्रशासन ने बुला लिया था। लाइव प्रसारण के जरिए हमारी पीएम से बात कराई गई।
गर्मी व उमस से बेहोश हुईं दो महिलाएं
प्रशासन ने समूह की महिलाओं को सुबह ही कार्यक्रम स्थल पर बुला लिया था। बताया गया कि तेज धूप और उमस होने के कारण समूह की दो महिलाएं विनीता पाल और रेशमा पाल बेहोश हो गई थीं। हालांकि, तब कार्यक्रम खत्म हो चुका था। जिनको वहां मौजूद लोगों ने उठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और बाद में इन महिलाओं को उनके घर भेज दिया गया।
जालौन के दीपू को मिल रही थी चार दिन से ट्रेनिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जालौन के रहने वाले दीपू से भी बात की है। दीपू डकोर ब्लॉक के वर्द्ध गांव के रहने वाले हैं। दीपू को प्रशासनिक अधिकारियों ने पूर्व में ही ये बता दिया था कि, पीएम और सीएम वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए बात करें। इसके लिए चार दिनों से उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही थी। दीपू ने बताया कि, वह हैदराबाद में एल्युमीनियम सीट का काम करते थे। लॉकडाउन से दो माह पहले ही वे हैदराबाद गए थे। जहां उन्होंने काम किया। लेकिन, लॉकडाउन ने रोजगार छीन लिया। बड़ी मशक्कत के बाद वह अपने घर आए। क्वारैंटाइन अवधि पूरा करने के बाद उन्होंने काम ढूंढा। जब उनकी स्किल के बारें में प्रशासन को पता चला तो उन्हें बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे में काम मिल गया है।
[ad_2]